
अब जर्मनी के ओलिवर विडर के भविष्य के बारे मे इस मजेदार कार्टून को देखिए। क्या हालत होगी ऐसी दुनियाँ की!
सुवर्णरेखा, गंडक, यमुना, दामोदर, नर्मदा, ब्राह्मणी, शिप्रा, कावेरी नदियों की खुशबू एक साथ़!

आखिर गूगल ने ऐलान कर दिया की ब्लागर प्लेटफार्म बीटा से बाहर आ गया है। वैसे इस बारे में अटकलें भी 'अब-तब' की थी। पिछले कुछ दीनों मे गूगल काफी तेजी से चिट्ठों को बीटा पर ठेल रहा था। इसमे कूछ नए फीचर हैं जो पुराने ब्लागर पर नहीं था। सरलता में गूगल के विश्वास के अनुसार ही नए प्लेटफार्म को 'नया ब्लागर' कहा गया।
मुझे ये तो नहीं मालूम की दूसरों का अनुभव कैसा रहा पर ककुछ 'बून्दें, कुछ बिन्दु' को माईग्रेट करने में भाषा की सेटिंग अंग्रेजी हो गई तथा समय की सेटिंग गड़बड़ा गई थी। पर कुछ फीचर अच्छे हैं जैसे लेबल। यदि आपने माईग्रेट नहीं किया है तो मेरी सलाह मानते हुए अपने टेमप्लेट की कापी जरुर सुरक्षित रखें।
शायद बहुत कम लोग ये जानते हैं कि गूगल देव अपने भक्तों की खोजों का लेखा जोखा भी रखते है। इसके लिए एक अंतरस्थल भी है जिसे ज़िटगेय्स्ट (Zeitgeist) कहते हैं जहाँ पर गूगलदेव सबसे लोकप्रिय खोजों को प्रकाशित करते है। अब ये अलग अलग देश के लिए अलग अलग सूची प्रकाशित होती है। इनको देखने पर रोचक जानकारी मालूम होती है। मसलन साथ वाले चित्र में भारत की अक्टूबर की सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले शब्द / शब्दसमूह हैं। साफ है कि भारतवासी अक्टूबर में सबसे ज्यादा यात्रा की तैयारी मे लगे थे। कुछ ध्यान आने वाली फिल्मों की तरफ भी था। सानिया मिर्जा और क्रिकेट तो भारतीय जीवन का हिस्सा जैसे है।ऐंजेलिना जोली की टोली भी उसी समय पुणे और मुंबई मे लोगों से पंगे लेती चल रही थी।
जैसा की आप जानते हैं, माईक्रोसाफ्ट ने अपने इन्टरनेट एक्सप्लोरर ब्राउसर का नया संस्करण यानि इन्टरनेट एक्सप्लोरर ७.०(Internet Explorer 7.0) कुछ दिनों पहले जारी किया है। बहुत से लोगों के इसे अपनी मशीन पर संस्थापित भी किया होगा। फायरफाक्स (Firefox) अथवा ओपेरा(Opera) प्रयोग करने वाले मित्रो ने पाया होगा कि आखिरकार माईक्रोसाफ्ट ने भी टैब की सुविधा दी है, जो कि फायरफाक्स और ओपेरा में सालों से चली आ रही है (देर से सही, पर दुरुस्त आए)। देखने में ६ श्रंखला के इन्टरनेट एक्सप्लोरर ब्राउसर से थोड़ा हट के है। अभी तो इसे आप माईक्रोसाफ्ट के अंतरस्थल से अपनी मशीन पर संस्थापित कर सकते हैं पर शायद थोड़े दिन के बाद यह विंडोज़ अपडेट का हिस्सा बन जाए तो हो सकता है आपकी मशीन पर बिना दस्तक के ही किसी दिन दिखाई पड़े।
भारतीय भाषाओं में एस एम एस भेजना एक दुष्कर कार्य प्रतीत होता है। पर कुछ सुविधाएँ हैं जिसका प्रयोग करके आप इसका भी मजा ले सकते हैं। यदि आप नोकिया का फोन प्रयोग करते हैं तो यह काफी हद तक संभव है।ज्यादातर फोन निर्माता फोन खरीदते समय एक सी डी देते हैं जिसमे आपके कम्प्यूटर के लिए एक साफ्टवेयर होता है। यह साफ्टवेयर आपके फोन पर संगीत, फोटो आदि भेजने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। आमतौर पर, आप इस साफ्टवेयर की मदद से फोन और कम्प्यूटर पर आपके दोस्त-परिचितों के नम्बर भी सीधे स्थानांतरित कर सकेंगे। इसके लिए फोन और कम्प्यूटर एक तार के माध्यम से, अथवा ब्लू टूथ या इन्फ्रा रेड पोर्ट के द्वारा जोड़े जाते हैं। नोकिया भी एक ऐसा ही साफ्टवेयर सी डी पर देती है जिसे पी सी सूट कहते हैं। पर एक महत्वपूर्ण सुविधा के साथ- इस साफ्टवेयर के माध्यम से आप अपना एस एम एस संदेश पी सी पर ही टंकित कर सकते है।
यदि माना जाए तो यह एक विज्ञापन की तसवीर है जो कि थ्री एम नाम कि विख्यात कम्पनी ने वैन्कुवर, कनाडा में लगाया है।कम्पनी ये दर्शाना चाहती है कि ये शीशा इतना मजबूत है कि इसे आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता है। इसलिए इसके अन्दर असली रुपए रखें है, तोड़ सके तो तोड़। मान गए। आमतौर पर कोई कम्पनी अपने उत्पादों में अपने विश्वास को इतने आत्मविश्वास से नहीं दर्शा पाती।फिर भी, असली दाद तब दी जाए जब यह बिहार में भी दो दिनों तक सुरक्षित रह सके !

यदि कल के दिन को शानदार कहें, को आज का दिन( दूसरा और आखिरी दिन) भी कोई कम नहीं था। अब तक लोग एक दूसरे को भी काफी कुछ जान चुके थे। कल शाम की सागरतट पर हुई दावत भी कुछ शानदार ही रही होगी क्योंकि सवेरे का कार्यक्रम की शुरुआत थोड़ी ढीली ढाली ही थी। पर रफ्तार पकड़ते देर नहीं लगी। तकनीकी सत्र वीडियो ब्लागिंग को लेके आगे बढने लगा। अब तक लोग छोटे छोटे गुटों में चर्चा करते अलग अलग कोनों में दिखने लगे।लगा, एक नहीं सौ कार्यक्रम साथ साथ चल रहे हैं। राजेश शेटटी, जो कि अमरीका में रह रहे एक उद्धमी है, और जिन्होने लाईफ बियोंड कोड नाम कि किताब भी लिखी है, सुबह मे विश्व भर के लोगों कि लिए लिखने के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए दिखलाई पड़े। तकनीकी सत्र में, जो समानांतर चल रहा था, वहाँ लोग सर्च इंजिन औपटिमाईजेशन पर ७०-७५ लोग गोष्ठी मे तल्लीन थे, पर मैं यहाँ जरा देर से पहुँचा।










जैसा कि मैने अपने पिछले पोस्ट में ईंगित किया है, चिटठाकारों का असम्मेलन की ज्ञाननगरी चेन्नई के मे ९ और १० सितम्बर को आयोजित हो रहा है। आज सवेरे इस असम्मेलन की शुरुआत हुई। १५० से अधिक चिटठाकार इसमें भारत एवं विदेश के अलग अलग शहरों से पूर जोश के साथ उपस्थित है। इस आयोजन का प्रसारण अंतरजाल पर हो रहा है। अधिक जानकारी के लिए www.blogcamp.in से प्राप्त की जा सकती है। कल यहाँ सुनील गावस्कर के आगमन का भी ईंतजार है। भारतीय भाषाओं में चिटठाकारी में उत्सुकता देखते हुए मैने प्रतिनिधियों को अक्षरग्राम से अवगत भी किया ।आयोजनस्थल से कुछ चित्र प्रेषित कर रहा हूँ। मैं समय मिलते ही फिर नया सवांद प्रेषित करुंगा।



