ये कौन सी कम्पनी की फ़टफ़टिया है जरा पता तो कर दो..!! इत्ते सालों से खड़ी है और...रंग तो छोडो, टायर तक टनटनाट (लगता है रेग्युलर्ली हवा वगैरह चेक होती रही है) और सीट कवर? वो भी जस का तस?
कहीं एडोब की फ़ोटोशाप कम्पनी की गड्डी तो नहीं है?? ;)
नम्स्ते.. आजकल कमप्युटर मॆं इतनी सुविधाये उपलब्ध है, जिस्से दो अलग तस्वीरों को जोडा जा सकता है.यह भी ऐसी कोइ दिमाघ का ही उपज होगा.. हकीकत या फसाना.. तस्वीर देखकर एवं टिप्पणियां पठ्कर बहुत अच्चा लगा..रोज के भागम-भाग में भी मुस्कुराने का कारण मिला...(दोनों आजीवन साथ रेहने का वादा भरपूर निभा रहे हैं)..धन्यवाद दीपा
नामः राजेश कुमार
राँची में जन्मा, चेन्नई का वासी, भारत के कई और नगरों में रह चुका और पेशे से एक नामी आई टी कंपनी का नुमाइंदा। शिक्षा केंद्रीय विद्यालय हिनु (राँची) और एण्ड्रुजगंज (नई दिल्ली), बिरसा प्रौद्योगिकी संस्थान (सिन्दरी) और आई एम टी (गाजियाबाद) में प्राप्त की। दिमागी ख्यालों से एक यात्री जो कहीं एक जगह नहीं टिकना नहीं चाहता।और आपका परिचय?
7 टिप्पणियां:
अगर जोश में आ कर यह फटफटिया किसी दिन चल पड़ी तो पेड़ की तो मुफ़्त में ही सैर हो जाएगी। ;)
ओ भैया...!!
ये कौन सी कम्पनी की फ़टफ़टिया है जरा पता तो कर दो..!! इत्ते सालों से खड़ी है और...रंग तो छोडो, टायर तक टनटनाट (लगता है रेग्युलर्ली हवा वगैरह चेक होती रही है) और सीट कवर? वो भी जस का तस?
कहीं एडोब की फ़ोटोशाप कम्पनी की गड्डी तो नहीं है?? ;)
बड़ा टिकाऊ वाहन बनाया है, उत्पादक कम्पनी ने.
बहुत याराना लगता है भाई
अनुराग जी - सही बोलते हैं आप!
विजय भाई - शायद टंकी भी लबालब हो!
संजय भाई - ये फेवीकोल का जोड़ है, टूटेगा नहीं!
भुवनेश भाई - सचमुच
नम्स्ते.. आजकल कमप्युटर मॆं इतनी सुविधाये उपलब्ध है, जिस्से दो अलग तस्वीरों को जोडा जा सकता है.यह भी ऐसी कोइ दिमाघ का ही उपज होगा.. हकीकत या फसाना.. तस्वीर देखकर एवं टिप्पणियां पठ्कर बहुत अच्चा लगा..रोज के भागम-भाग में भी मुस्कुराने का कारण मिला...(दोनों आजीवन साथ रेहने का वादा भरपूर निभा रहे हैं)..धन्यवाद
दीपा
a lo, thanx yaaar, kitney saalon sey doond raha hoon, ab jaa kar mili........
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