रविवार, जुलाई 23, 2006

"वैसे तो आई डू नाट राईट हिन्दी...."

वैसे तो कई प्रकार के ब्लाग उर्फ चिट्ठे दुनिया भर के कोनों से लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं पर व्यापार और तकनीकी विषयों पर लिखने वाले लोग कम हैं। यह एक बडी़ लकीर है। जो लोग इन विषयों पर पैठ रखते हैं, वो शायद हिन्दी भाषा भूल जाते हैं, या कुन्ठित हो जाते हैं। अपनी सीमित साहित्यिक पकड़ को ध्यान में रखते हुए, हम् कुछ तकनीकी और व्यापारिक विषयों पर ही अपनी बिना मागीं राय रखेंगे। बर्दाश्त करें!
Test

6 टिप्‍पणियां:

आलोक ने कहा…

आपके तकनीकी लेखों की शून्य में भी प्रतीक्षा रहेगी!

रवि रतलामी ने कहा…

तकनीकी आलेखों का तो बड़ा टोटा है जनाब! आपके लिखे को तो सिर आँखों पर लिया जाएगा.

विश्वास रखें.

मिर्ची सेठ ने कहा…

भाई कुछ लिखने की कोशिश तो हम भी करता हूँ जरा यहाँ भी निगाहे करम कीजिए

http://ms.pnarula.com/200605/बहतर-का-नियम/

http://ms.pnarula.com/200607/बेबीलोन-का-सबसे-अमीर-आदमी/

http://ms.pnarula.com/200605/फॉयरफॉक्स-के-गुण/

http://ms.pnarula.com/200604/एक-अकेला-निवेशक/

पंकज

उन्मुक्त ने कहा…

मेरे विचार से हिन्दी में न लिखने के कई कारण हैं|
१. हिन्दी में टाईप करना कुछ मुश्किल है|
२. अन्तरजाल में हिन्दी का लिखना अभी शुरु हुआ है|
३. हिन्दी में तकनीक के लेख पढ़ने वाले भी कम हैं अंग्रेजी में पढ़ने वाले भी ज्यादा हैं और वहां response भी ज्यादा है|
४. अन्तरजाल में हिन्दी में लेखन अभी भी समाजिक, राजनैतिक मुद्दों में और कविताोओं के बीच फंसा है| तकनीक का अर्थ केवल अंग्रेजी लेख की लिंक ही बताना है - मौलिक चिन्तन की इस दिशा में कमी है
आप आये हैं चलिये कुछ तकनीक और व्यवसाय पर अच्छा पढ़ने को मिलेगा - आप ही से कोई नयी राह निकले|

अनुनाद सिंह ने कहा…

वाह भाई! आपके साहस और सम्यक् दृष्टि की प्रशंशा करनी पड़ेगी। मैं आपके विचारों से सहमत हूं कि अब समय आ गया है कि हम तकनीकी और आर्थिक विषयों को हिन्दी में महत्व देना शुरू कर दें।

अनुनाद सिंह ने कहा…

वाह भाई! आपके साहस और सम्यक् दृष्टि की प्रशंशा करनी पड़ेगी। मैं आपके विचारों से सहमत हूं कि अब समय आ गया है कि हम तकनीकी और आर्थिक विषयों को हिन्दी में महत्व देना शुरू कर दें।