मंगलवार, जुलाई 24, 2007

कलाम साहब, सलाम

कलाम साहब आज से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति कहलाएँगे। राजदीप सरदेसाई ने अपने चिट्ठे पर हाल के एक समारोह के बारे मे लिखा है कि किस प्रकार कलाम साहब ने पत्रकारों की भी क्लास ली, और नाराज होने कि बजाए, उन्हे भी आनन्द आया।यहाँ चेन्नई में सुगबुगाहट और उत्साह के मिश्रण का माहौल है। अन्ना विश्वविद्यालय में, जो तमिल नाडु का प्रमुख तकनीकी शिक्षा केन्द्र है, में अपेक्षा का माहौल है। कहते हैं कलाम साहब यहाँ अपने पठन-पाठन को जारी रखेंगे। बिहार से खबर ये आई थी कि नितीश बाबु कलाम साहब को पुर्नजागृत नालन्दा विश्वविद्यालय के विसिटर बनने के लिए आग्रह कर रहे हैं। मेरे लिए दोनो बड़ी खुशी की स्थिति है, क्योंकि मैं अन्ना विश्वविद्यालय के सड़क पार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के प्रांगण मे रहता हूँ और मेरा पैतृक स्थान नालंदा है।
लो, कलाम साहब का नया जालस्थल भी तैयार हो रहा है। ये कल से चालु हो जाएगा। कमाल की बात ये है कि अभी इस जालस्थल पर कोई सामग्री तो नहीं पर फिर भी पेजरैक ४ है (पेज रैंक कैसे देखें)। शायद भारत के इस महान नायक को गूगलदेव भी सलाम कर रहे हैं। जी हाँ, कलाम साहब अब राष्ट्रपति भले ना कहलाएँ, पर नायक तो वे हैं ही।

( व्यंग्य पढें - राष्ट्रपति कलाम और मुशर्रफ के बीच एक काल्पनिक शिखर वार्ता)
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3 टिप्‍पणियां:

Mohinder56 ने कहा…

आज तो अखबार में, इन्टर्नेट पर और ब्लाग पर कलाम जी ही छाये हुये हैं क्यों न हो.. उनकी शकसियत ही कुछ ऐसी है.. बधायी इस सुन्दर लेख के लिये

Sanjay Tiwari ने कहा…

कमाल के कलाम और कमाल की चर्चा.

ePandit ने कहा…

शत-शत नमन राष्ट्रनायक कलाम को।