बुधवार, दिसंबर 20, 2006

ब्लागर बीटा से बाहर

आखिर गूगल ने ऐलान कर दिया की ब्लागर प्लेटफार्म बीटा से बाहर आ गया है। वैसे इस बारे में अटकलें भी 'अब-तब' की थी। पिछले कुछ दीनों मे गूगल काफी तेजी से चिट्ठों को बीटा पर ठेल रहा था। इसमे कूछ नए फीचर हैं जो पुराने ब्लागर पर नहीं था। सरलता में गूगल के विश्वास के अनुसार ही नए प्लेटफार्म को 'नया ब्लागर' कहा गया।
मुझे ये तो नहीं मालूम की दूसरों का अनुभव कैसा रहा पर ककुछ 'बून्दें, कुछ बिन्दु' को माईग्रेट करने में भाषा की सेटिंग अंग्रेजी हो गई तथा समय की सेटिंग गड़बड़ा गई थी। पर कुछ फीचर अच्छे हैं जैसे लेबल। यदि आपने माईग्रेट नहीं किया है तो मेरी सलाह मानते हुए अपने टेमप्लेट की कापी जरुर सुरक्षित रखें।
Test

4 टिप्‍पणियां:

Manish Kumar ने कहा…

राजेश भाई , नए ब्लागर का सबसे बुरा असर फीड संकलन करने वाले नारद पर पड़ा है। जिन-जिन लोगों ने नए ब्लागर में स्थानांतरण किया अब उनकी पोस्ट का सिर्फ शीर्षक नारद पर आता है और कुछ भी नहीं । हालांकि यह समस्या नारद तक ही है क्योंकि प्रतीक के हिन्दी ब्लॉग वाले जाल पृष्ठ पर ऐसी कठिनाई नहीं आती । आशा है नारद की टीम जल्द ही इसका कोई तोड़ निकालेगी ।

नये ब्लागर की दूसरी समस्या टिप्पणी करने में आ रही कठिनाई से जुड़ी है। कई बार नये ब्लॉगर वाले चिट्ठों के कमेन्ट बॉक्स नहीं खुलते या देर से खुलते हैं ।

Rajesh Kumar ने कहा…

सही बोले अमित जी, फीड को लेकर परेशानी जरूर है, लिखते वक्त मेरे दिमाग से यह बात निकल गई।और हाँ, नारदजी ना मालूम नए ब्लागर वाले भक्तों से जरा नाराज है और शीर्षक के अलावा कुछ नहीं दिखलाते।एक और परेशानी, पोस्ट कभी एक ही क्षण मे हो जाता है और कभी तो दस मिनट तक नहीं लेता। और मेल से पोस्ट करो तो फारमैटिंग की बारह बज जाती है।आज मैं इसी पोस्ट मे आए 'टाइपो' को सुधारना चाहता हूँ पर कमब्खत 'पब्लिश' दबाने पर कुछ नहीं हो रहा।
राजेश

बेनामी ने कहा…

शुक्र है जी गूगल के पिछले रिकार्ड को देखते हुए तो लगता था कि दो-तीन साल से पहले ये नहीं होने वाला।

Dr Prabhat Tandon ने कहा…

"जिन-जिन लोगों ने नए ब्लागर में स्थानांतरण किया अब उनकी पोस्ट का सिर्फ शीर्षक नारद पर आता है और कुछ भी नहीं । हालांकि यह समस्या नारद तक ही है क्योंकि प्रतीक के हिन्दी ब्लॉग वाले जाल पृष्ठ पर ऐसी कठिनाई नहीं आती । आशा है नारद की टीम जल्द ही इसका कोई तोड़ निकालेगी ।" मनीष
इस विषय में मेरी कल ही बात जीतू भाई से हुयी थी । यह सच है कि यह समस्या प्रतीक के हिन्दी ब्लाग पर नहीं आती।