शुक्रवार, अक्तूबर 27, 2006

गूगल की आधी पकी रोटी।

गूगल देवता यदा कदा नई सुविधाओं को भक्तों की सेवा में लाते रहते हैं। अभी हाल में ही गूगल डाक्स एण्ड स्प्रेडशीट्स नाम का एक नया आनलाईन साफ्टवेयर प्रस्तुत किया है जिसमे वर्ड प्रोसेसिंग और स्प्रेडशीट्स की सुविधा है। समझ ये नहीं आया की ये है किस काम का। ऐसे कौन लोग हैं जिनके पास कम्प्यूटर और अंतरजाल की सुविधा तो है, पर कोई वर्ड प्रोसेसर नहीं।दरअसल गूगल ने राइटली नाम की कम्पनी को कुछ महीनों पहले निगला था। फिर झाड़-पोछ कर गूगल डाक्स एण्ड स्प्रेडशीट्स नाम से लाँच किया है। यदि एक से अधिक लोग किसी दस्तावेज पर मिलकर काम करना चाहते हैं तो इसमे इसकी अच्छी सुविधा है। गूगल आपको एक गोपनीय ईमेल पता भी देता है, जहाँ किसी दस्तावेज को मेल करने पर ये दस्तावेज आपके खाते में स्वयं ही आ जाता है। काम कर लेने के बाद आप इसे वापस अपनी मशीन पर माईक्रोसाफट वर्ड, ओपेन आफिस और पीडीएफ फारमैट में डाल सकते हैं।
गूगल डाक्स एण्ड स्प्रेडशीट्स की एक सुविधा का दृश्य
कुल मिला कर काम-चलाऊ से कुछ ज्यादा प्रभावशाली नहीं। मैने इसमें एक हिन्दी दस्तावेज भेजकर पीडीएफ बनाने की कोशिश की पर निराशा हाथ लगी, पीडीएफ दस्तावेज बिलकुल कोरा निकला। यह तो थी गूगल डाक्स की बात। स्प्रेडशीट को तो शायद चौपट के अलावा और कोई सज्ञा देना उचित नहीं।कुल मिला के ये समझ नहीं आया कि गूगल देवता नें अपने किन भक्तों को ध्यान में रख के बनाया है। पर जमाना बीटा का है, यानि ब्लागर की तरह गूगल डाक्स एण्ड स्प्रेडशीट्स भी बीटा में ही है। शायद गूगल वाले माईक्रोसाफट से भिड़ने के चक्कर में आधी-पकी रोटी खाने की मेज पर ले ही आए।
Test

7 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

There are lots of people in world who can't afford MS OFfice (which includes MS Word, Exce, Powerpoint etc.) software.

Just an FYI, MS Office can cost about $ 400 to 500 in North America. And you can't get pirated copies of that software so easily like in India.

Also, if you don't want to use the pirated software, Google Docs and Spreadsheet is important.

Also, think about it, you are away from your computer and would like to access your document, once again that service is not available in Google Docs and Spreadsheet.

बेनामी ने कहा…

मै विवेक से सहमत हूं ! अभी ये उत्पाद बीटा मे है, बग्स तो होंगे ही लेकिन अपने दस्तावेज को गूगलदेव के पास रखकर कहीं से भी उपयोग करने की सुवीधा काफी लाभदायक है।

Kalicharan ने कहा…

online collaboration on live documents is something that will come in with Vista. Cannot beat with that price tag :)

बेनामी ने कहा…

शायद ऐसा भी होसकता है कि गूगल के इस कारनामे पर माइक्रोसाफ्ट दांत दिखाए हों ???

Punit Pandey ने कहा…

Even in terms of technology, it is a big leap forward. Who had thought that JavaScript and DHTML can be used in such a beautiful way.

Kaul ने कहा…

इस का एक और लाभ यह है कि चूँकि अधिकांश लोग एक से ज़्यादा कंप्यूटरों पर काम करते हैं, उन के लिए एक ही दस्तावेज़ को विभिन्न जगहों पर एडिट करना आसान हो जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि मुझे लगता है कि जो डाक्यूमेंट मैं ने दफ्तर में शुरू किया है, उसे मैं घर जा कर समाप्त करूँ, या कहीं और भी देख सकूँ, उस के लिए यह सुविधा अच्छी है। कई लोगों का एक डाक्यूमेंट पर साझे रूप से काम कर पाना भी अच्छी सुविधा है। हाँ बग्स अभी हैं। यह भी सोचिए कि यदि कोई ईमानदारी से काम लेना चाहे और चोरी किया हुआ सॉफ्टवेयर प्रयोग न करना चाहे तो उस के पास ओपन आफिस या गूगल डॉक्स जैसे ही विकल्प हैं।

बेनामी ने कहा…

मैं तो ओपेन औफिस का वर्ड प्रोसेसर और प्रसेन्टेशन का प्रोग्राम Impress प्रयोग करता हूं। यह मुफ्त है और बहुत अच्छा चलता है।