

कुमारकोम दरअसल बैकवाटर पर है, यानि समुद्र के पानी द्वारा बनी काफी बड़ी वेमबानाद झील पर बसा है। यहाँ से आप हाउसबोट पर सवारी कर सकते हैं, और हाउसबोट भी ऐसे कि आप देखते ही रह जाएँ। हमने यहा दो मंजिले हाउसबोट भी देखे, जो किसी सितारा होटल से कम नहीं लगते। यहाँ के हाउसबोट पर सारी सुविधाएँ होती हैं जैसे वातानुकूलित कमरा, कुक आपकी सेवा में शानदार खाना पेश करते हैं, और रात को जब हाउसबोट एक शान्त स्थल पर रुक जाती है, तो कुछ अदभुत ही आनन्द आता है।

वैसे यदि समय हो तो एक छोटी बोट पर कुमारकोम शहर के चारो ओर भी विचरण किया जा सकता है। कुछ वेनिस जैसा आभास भी होता है।

कुल मिला के कुमारकोम में काफी आनन्द आया, हमारा अगला पड़ाव था तेकड़ी, जिसकी चर्चा आने वाले पोस्ट में जारी रहेगी। चलते चलके कुमारकोम कि एक और तसवीर।

4 टिप्पणियां:
फोटो बढ़िया आईं हैं ।
घुघूती बासूती
चित्र सुन्दर हैं।
bahut acche
bahut ache
how i comment in hindi
एक टिप्पणी भेजें