कल शुरु गई चर्चा को जारी रखते हुए हम आज पेजरैंक से आगे कुछ और कदम चलेंगे। हम सभी ये जानने को उत्सुक रहते हैं कि सामने वाला हमारे बारे में क्या राय रखता है। यदि वो सामने वाला गूगलदेव हो तो उत्सुकता चौगुनी हो जाती है।
चलिये सबसे पहले ये देखते हैं कि गूगलदेव आपके चिट्ठे को पिरो रहे हैं या नहीं। काम की कड़ी है
ये जहाँ पर आप अपने चिट्ठे का लिंक देकर ये जान सकते हैं कि गूगलदेव ने आपके चिट्ठे के अस्तित्व को पहचाना या नहीं। नारद के बारे में ये प्रश्न पूछने पर गूगलदेव जो कहते हैं वो यहाँ देखें।
दूसरा सूत्रः अगर हमारे चिट्ठे को गूगलदेव ने पिरो रखा है, तो उत्सुकता ये रहती है कि सारे पेज ले लिए या.....खास कर तब जब हम ये जानते हैं कि गूगल के 'मकड़े' सारे साइटों पर समान अंतराल से नहीं विचरते। तो आइये, ब्राउसर में गूगल लोड करें, फिर खोजी बक्से में ये प्रश्न दागें - site:narad.akshargram.com. परिणाम कुछ यूँ दिखेगां। आप परिणाम पृष्ठ पर दाहिने उपर ये भी देख सकते हैं कितने पृष्ठ पिरोये जा चुके हैं, यानि, गूगलदेव के अनुसार आपके साइट पर कितने पृष्ठ हैं।
तीसरा सूत्रः हम अब ये खोजने की कोशिश करेंगे कि यदि कोई गूगलदेव से हमारे चिट्ठे के बारे मे दो चार शब्द कहने का आग्रह करे तो वो क्या बतलाएंगे। यानि छोटा परिचय कैसे देंगे गूगल महाराज। उदाहरणार्थ हम समीर लाल के चिट्ठे को लेंगे। तो फिर से गूगल देव के खोजी पृष्ठ पर आ जाएँ। फिर आप खोजी बक्से में यूँ लिखे info:udantashtari.blogspot.com और Search को चटका दें। परिणाम यूँ आएगा।
चौथा सूत्र के बारे में हम कल बातचीत कर चुके हैं। ये वही है जिससे आप आपने बैकलिंक का आभास ले सकते हैं। उदारणार्थ, यहाँ चटकी लगावें।
कुल अर्थ ये है कि आप ये जानें कि दूसरे आपके बारे में क्या जानते हैं। हम ये चर्चा जारी रखेंगे, फिलहाल दफ्तर की ओर चलने का समय आ गया है। और हाँ, बात काम की है या नहीं , टिप्पणी करते रहें।
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8 टिप्पणियां:
बढ़िया है ... गूगलदेव के बारे में जानकर धन्य हुए ... जारी रखें...
Well, Thanks for info. Saath hi iske faayede bataiye to aur fayada hoga.
शुक्रिया आपका
अब टिप्पणी किये हैं तो समझ तो जाओगे ही कि बात काम की है. :)
सूचना अच्छी है, जारी रखें। हमें यह भी बतायें कि आपने अपने चिट्ठे पर प्रतिक्रियाँ वाला page element कैसे जोड़ा है।
@काकेश, राजेश, संजीत, समीर, और उन्मुक्त - पधारने और उत्साह वर्धन के लिए शुक्रिया। राजेश भाई, कुल मिला के प्रयास है कि चिट्ठागिरी को कैसे पुख्ता बनाया जाए और ज्यादा से ज्यादा लोग आपके चिट्ठे का भ्रमण करें। आप पिछले अंक को भी पढ़ें।
@उन्मुक्त भाईः प्रतिक्रियाएँ जोड़ने के लिए ये फीड पेज एलिमेंट के माध्यम से जोड़ दें
http://abc.blogspot.com/ feeds/comments/default
धन्यवाद, टिप्पणियों को चिट्ठा पर डालने के बारे में एक पोस्ट लिख दें तो बहुतों को सहूलियत हो जायगी।
उनमुक्त जी, बहुत ही जल्द।
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