मंगलवार, मार्च 27, 2007

क्यों ना एक भारत पाक श्रृखंला हो जाए

अब विश्व कप तो भारत और पाक के लिए समाप्त हो गया है, पर इससे एक मौका उभर के आया है। तो प्रस्तुत है ये विचार। विश्व कप को मारो गोली और भई समानांतर में एक दस एक दिवसीय मैचों की एक भारत पाक श्रृखंला करवा डालो।पाँच मैच भारत में और पाँच पाकिस्तान में खेले जाएँगे। इसे एक प्रतियोगिता का दर्जा दिया जाए और जीतने वाले को विजेता और हारने वाले को उप-विजेता घोषित किया जाएगा।तो अब ध्यान दीजिए कि इसके क्या फायदे होंगे।
१॰ खेल प्रेमी फिर से अपने झंडे लेकर जुलूस निकाल सकेंगे। आखिर भारत पाक की टक्कर से ज्यादा रोमांच भला कहाँ होता है। आखिर झंडे खरीदने में भी पैसे लगते हैं भाई।
२॰ विज्ञापन दाता खुश- चलो कुछ करोड़ लोग फिर से टी वी से चिपक के बैठेंगे।
३॰ आई सी सी विश्व कप के टी आर पी की ऐसी तैसी हो जाएगी। शायद वो इसी बहाने हमारे क्रिकेट बोर्ड से सौदा भी कर ले- पर बाजी तो हमारे बोर्डों के हाथ में रहेगी , तो उनका भी फायदा।
४॰धोनी और द्रविड़ आदि को फिर से कुछ विज्ञापन करने को मिल जाएँ, उनका भी फायदा।
५॰ एक विजेता और एक उप विजेता तो इससे निकलेगा ही - तो दोनों देश के खेल प्रेमियों की अहंतुष्टि।

विषेशः आंखो देखा हाल सुनाने के लिए केवल सिद्धु और मंदिरा को चुना जाएगा। वर्ना डर ये है कि ऐसे मौके के अभाव में कम बोलने के कारण दोनों को अपच कि शिकायत न हो जाए।

अब अगर आधिकारिक श्रिंखला ना हो सके को कोई बात नहीं।प्रदर्शन मैच ही करवा दीजिए। सारा पैसा किरण मोरे और ग्रेग चैपल को सहायतार्थ दे दीजिए, ताकि उन्हें बार-बार अलग-अलग रूप में प्रकट होके क्रिकेट के माध्यम से रोटी कमाने के लिए बहाने ना ढूढने पड़ें। सबका फायदा। आप समझ रहें हैं ना?
Test

2 टिप्‍पणियां:

Manish Kumar ने कहा…

अमा यार ! इतनी मुश्किल से क्रिकेट मेनिया से निकलने का मौका मिला है फिर उसी में ढ़केल रहे हो :):)

Udan Tashtari ने कहा…

कुछ दिन तो शांति से बीत जाने दो, बंधु. फिर तो सब यूँ भी भूल ही जायेंगे.