भारतीय भाषाओं में एस एम एस भेजना एक दुष्कर कार्य प्रतीत होता है। पर कुछ सुविधाएँ हैं जिसका प्रयोग करके आप इसका भी मजा ले सकते हैं। यदि आप नोकिया का फोन प्रयोग करते हैं तो यह काफी हद तक संभव है।ज्यादातर फोन निर्माता फोन खरीदते समय एक सी डी देते हैं जिसमे आपके कम्प्यूटर के लिए एक साफ्टवेयर होता है। यह साफ्टवेयर आपके फोन पर संगीत, फोटो आदि भेजने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। आमतौर पर, आप इस साफ्टवेयर की मदद से फोन और कम्प्यूटर पर आपके दोस्त-परिचितों के नम्बर भी सीधे स्थानांतरित कर सकेंगे। इसके लिए फोन और कम्प्यूटर एक तार के माध्यम से, अथवा ब्लू टूथ या इन्फ्रा रेड पोर्ट के द्वारा जोड़े जाते हैं। नोकिया भी एक ऐसा ही साफ्टवेयर सी डी पर देती है जिसे पी सी सूट कहते हैं। पर एक महत्वपूर्ण सुविधा के साथ- इस साफ्टवेयर के माध्यम से आप अपना एस एम एस संदेश पी सी पर ही टंकित कर सकते है।
साथ लगे चित्र को देखिए। मैने रमण भाई के युनिनागरी टंकन पटल पर अपने संदेश तैयार करके यहाँ चिपका दिया है। फिर यही से अपने दोस्त का नाम दिया, तो साफ्टवेयर ने उनका नम्बर मेरे फोन से स्वयं ही समझ लिया। फिर वहीं से प्रेषण का बटन दबा के संदेश को रवाना कर दिया। यह काफी आसान प्रक्रिया है।कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। नोकिया के ज्यादातर अच्छे फोन पी सी सूट समर्थित हैं। (मैं एक पिटा हुआ ६६१० प्रयोग करता हूँ)। पर अच्छा होगा यदि आप पी सी सूट का नया वर्जन नोकिया के अंतरस्थल (यहाँ) से लें। यह तकरीबन २५ एम बी का है। ये भी ध्यान रखें कि कभी-कभी अक्षर बिखर जाते है। यदि पाने वाले का फोन नोकिया नहीं है, तो सब कुछ कचरा हो जाता है। फिर भी, 'कुछ नहीं से बेहतर कुछ भी' वाली बात होती है। दूसरी बात, सदेंश शायद छोटे लगें, पर अंग्रेजी से ज्यादा बाइट्स लेते प्रतीत होते हैं। यह पी सी सूट बिना आज्ञा के ही इसे दो या अधिक टुकड़ो में बाँट देता है। यदि ऐसा हुआ, तो उतने एस एम एस के पैसे भी लगेंगे।कुल मिला कर मेरा अनुभव संतोषप्रद है, पर यह और अच्छा हो सकता है। खासकर जब कि पाने वाले के फोन के निर्माता (ब्राण्ड) की जानकारी का अभाव हो तो ऐसी अवस्था का क्या निवारण है। यदि आप के कुछ दुसरे अनुभव हैं, तो आप भी बाँटे।
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3 टिप्पणियां:
राजेश भाई,
आपने बहुत ही उपयोगी मुद्दे पर जानकारी देने का शुभारम्भ किया है। मोबाइल डिवाइसेस पर हिन्दी के प्रयोग को लेकर बहुत से प्रश्न हैं जो समय-समय पर उठते रहे हैं। अब ये प्रश्न और महत्वपूर्ण हो जायेगें।
१) कौन सा फोन देवनागरी-समर्थ है और कहां तक या कितना समर्थ है?
२) नये और उन्नत फोनों पर देवनागरी(यूनिकोड) में लिखे पृष्ठों को कैसे 'ब्राउज' करें, या इन्हें ठीक से देख पाने के लिये क्या-क्या करना चाहिये?
३) मोबाइल फोनों पर देवनागरी में इन्पुट करने के लिये कौन-कौन से तरीके अपनाये जा रहे हैं? क्या कोई तरीका 'स्टैन्डर्ड' बनने की तरफ अग्रसर है?
४)देवनागरी के सन्देश अपेक्षाकृत अधिक 'बाइट' स्थान लेते हैं। क्या सेवा प्रदाताओं को देवनागरी में संदेश को प्रोत्साहित करने के लिये अधिक 'बाइट्स' की सुविधा का लाभ नही देना चाहिये?
what do you say computer & it's internal parts name in hindi
अनुनाद भाई, आप सही कहते हैं, सारा खेल मानकता के अभाव में किरकिरा हो रहा है।
Anonymous मित्र, कम्प्यूटर को हिन्दी में संगणक कहते हैं।
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