tag:blogger.com,1999:blog-31459753.post6521399222207553410..comments2023-03-26T19:04:14.401+05:30Comments on कुछ बून्दें, कुछ बिन्दु: वाल-मार्ट भारत में, क्या बदलेगा? -२Rajesh Kumarhttp://www.blogger.com/profile/17653216008905158347noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-13765473765215352122006-12-16T08:30:00.000+05:302006-12-16T08:30:00.000+05:30भारत में आत्मसात करने की बेजोड़ क्षमता है। कोई नया ...भारत में आत्मसात करने की बेजोड़ क्षमता है। कोई नया कांसेप्ट लेकर आता है तो अन्ततः हमारा फायदा होता है। कई मामलों में भारत में अभी भी छोटी सोच और कूपमण्डूकता का बोलबाला है। इन सबसे छुटकारा पाने के लिये हमें भारत को विचारपूर्वक 'ग्लोबलाइज' करने का साहस करना चाहिये। कूपमण्दूकता सबसे बड़ा पातक है।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-49057135378071328122006-12-15T16:08:00.000+05:302006-12-15T16:08:00.000+05:30अच्छा विश्लेषण है. लेकिन एक बात हमें अच्छी तरह समझ...अच्छा विश्लेषण है. लेकिन एक बात हमें अच्छी तरह समझ लेना चाहिये कि ये मॉल वाले सिर्फ माल में इंटरेस्ट रखते हैं लिहाजा उन्होंने इंडिया को अपना लक्ष बनाया. भारत की गलियों में खाक छानने का उनका कोई इरादा नहीं.Anonymousnoreply@blogger.com