tag:blogger.com,1999:blog-31459753.post115808734734459448..comments2023-03-26T19:04:14.401+05:30Comments on कुछ बून्दें, कुछ बिन्दु: चिट्ठाकार असम्मेलन में हिन्दीRajesh Kumarhttp://www.blogger.com/profile/17653216008905158347noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158301625071448852006-09-15T11:57:00.000+05:302006-09-15T11:57:00.000+05:30सुनील जी, आपको और अन्य साथी चिट्ठाकारों को बधाई हो...सुनील जी, आपको और अन्य साथी चिट्ठाकारों को बधाई हो। यह तो आपके द्वारा बताए गए चिट्ठों मे लोगो की रुचि का का नतीजा है।<BR/>Blogstreet के वीर चन्द बोथरा जी ने बातचीत में ये भी बताया था कि Blogstreet हिन्दी के लिए एक अलग श्रेणी बनाने का भी विचार कर रही है।<BR/><BR/>राजेशRajesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/17653216008905158347noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158298523512514912006-09-15T11:05:00.000+05:302006-09-15T11:05:00.000+05:30शायद यह आप के बताने का ही प्रभाव पड़ा है कि ब्लागस्...शायद यह आप के बताने का ही प्रभाव पड़ा है कि ब्लागस्ट्रीट वालों ने "फुरसतिया" को फ्रेश ब्लाग में दिखाया है, "मेरा पन्ना" को १०० सबसे अधिक देखे जाने वाले चिट्ठों में गिना है और "जो न कह सके" को ब्लाग आफ द डे बनाया है?Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158179657775624822006-09-14T02:04:00.000+05:302006-09-14T02:04:00.000+05:30राजेश जी, हिन्दी की बात करने के लिए साधुवाद। अन्य ...राजेश जी, हिन्दी की बात करने के लिए साधुवाद। अन्य भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व कैसा था? चूँकि सम्मेलन चेन्नई में था, और तमिल में हिन्दी के मुकाबले चिट्ठाकार भी अधिक हैं, शायद तमिल का प्रतिनिधित्व काफी अच्छा रहा होगा।Kaulhttps://www.blogger.com/profile/16384451615858129858noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158158030234122162006-09-13T20:03:00.000+05:302006-09-13T20:03:00.000+05:30राजेश जी, आपको बधाई और धन्यवाद। मै भी चेन्नई मे हू...राजेश जी, आपको बधाई और धन्यवाद। मै भी चेन्नई मे हूं। मुझे इस सम्मेलन का पता थोडी देर से चला। जिस कारण मै शामील नही हो पाया इसका मुझे खेद है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158157387859697132006-09-13T19:53:00.000+05:302006-09-13T19:53:00.000+05:30हिन्दी का डन्का बजाने के लिये धन्यवादहिन्दी का डन्का बजाने के लिये धन्यवादAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158150120019072672006-09-13T17:52:00.000+05:302006-09-13T17:52:00.000+05:30यह बात सही है. लोगों को पता ही नहीं है कि हिन्दी म...यह बात सही है. लोगों को पता ही नहीं है कि हिन्दी में भी चिट्ठा लिख सकते हैं!<BR/><BR/>हिन्दी लिखने वालों को लोग आश्चर्य से देखते भी हैं!<BR/><BR/>आखिर कम्प्यूटर तंत्र में यह कॉम्प्लैक्स लैंगुएज भी जो कहलाता है!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158144483185317532006-09-13T16:18:00.000+05:302006-09-13T16:18:00.000+05:30आपके प्रयास बधाई के पात्र हैं, और इसे कोई छोटा-मोट...आपके प्रयास बधाई के पात्र हैं, और इसे कोई छोटा-मोटा काम न समझे. आपने मौके का फायदा उठाते हुए चिंगारी दिखा दी हैं, धमाका आज नहीं तो कल जरूर होगा.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158137416296856152006-09-13T14:20:00.000+05:302006-09-13T14:20:00.000+05:30देबाशीषः राबर्ट स्कोबल का सत्र जरा तकनीकी तकलीफों ...देबाशीषः राबर्ट स्कोबल का सत्र जरा तकनीकी तकलीफों के बाद ही सही पर हुआ जरुर , यहाँ पढें<BR/>http://www.podtech.net/blog/1085Rajesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/17653216008905158347noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158135479293192412006-09-13T13:47:00.000+05:302006-09-13T13:47:00.000+05:30आपने हिन्दी चिट्ठाकारी की बात रखी यह स्वयं बड़ी बात...आपने हिन्दी चिट्ठाकारी की बात रखी यह स्वयं बड़ी बात है, ऐसे आयोजनों में अफरातफरी के बीच हर किसी की सुनवाई होना तो वैसे भी मुश्किल होता। एक बात और, आपकी और अन्य रपटों से भी यह समझ नहीं आया की स्कॉबल का सत्र आखिरकार हो पाया या नहीं!debashishhttps://www.blogger.com/profile/05581506338446555105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31459753.post-1158089462516820982006-09-13T01:01:00.000+05:302006-09-13T01:01:00.000+05:30राजेश जी, आपको बधाई और धन्यवाद। पहले तो इस बात की ...राजेश जी, आपको बधाई और धन्यवाद। पहले तो इस बात की कि इस प्रकार के (अ)सम्मेलन में जिसमें हिन्दी चिठ्ठाकार अल्पतम गणना में थे, आपने अनायास ही हिन्दी चिठ्ठाकारी का सफल प्रतिनिधित्व किया और दूसरे यह जान कर भी हर्ष हुआ कि न केवल प्रतिनिधित्व अपितु आप के व्याख्यान, चर्चा आदि से इस विधा से जुड़े अन्य भाषाओं के दिग्गजों में हिन्दी के प्रति उत्सुकता भी जाग्रत हुयी। आशा है कि भविष्य में ऐसे सम्मेलनों में हिन्दी के प्रति सम्मान बढ़ेगा और अपेक्षित व्यावसायिक समर्थन भी प्राप्त होगा।Anonymousnoreply@blogger.com