मंगलवार, अगस्त 22, 2006

आने वाली चर्चाः द सर्च

मैने देखा की मै केवल उन पुस्तकों की चर्चा कर रहा हूँ जो मैने बिलकुल हाल फिलहाल में पढ़ा है। पर तकरीबन साल भर पहले मैने जौन बैटल कि द सर्च पढ़ा था जो कि गूगल कम्पनी के बारे में है। वैसे तो गूगल से हम रोज ही रुबरू होते है, पर क्या है पर्दे के पीछे का गूगल?ये स्वीकार करना पड़ेगा कि निरंतर बदलते हुई जीव के बारे मे थोड़ी पुरानी पुस्तक पढ़ने के खतरे होते हैं पर फिर भी। वैसे गूगल के उपर अब कई व्यक्तियों ने पुस्तकें लिख डाली है, पर जान शायद पहले लेखक है जिनकी पुस्तक काफी प्रचलित हुई। वैसे सच कहा जाए तो किताब केवल गूगल पर नहीं, गूगल के प्रतिद्धंदियों के बारे मे भी है, मगर गूगल के प्रतिद्वंदियों की फेहरिस्त काफी लंबी है।(अभी हाल में गूगल ने अपने मुख्यालय वाले माउंटेन व्यू कस्बे को मुफ्त ताररहित अंतरजाल का तोहफा दिया पर जाहिर है ये सब इस पुस्तक की चर्चा से बाहर है)
थोड़ा इंतजार करें क्योंकि लिखने से पहले मै स्वयं इसे दुबारा पढ़के आज के संदर्भ मे देखना चाहता हूँ।
Test

2 टिप्‍पणियां:

उन्मुक्त ने कहा…

गुगल में आपकी रुचि इससे पता चलती है जो आाप अपने बारे में कहते हैं
If you ask me what I want to be in my next life, my answer is Google. Yes, the power to create order in chaos fascinates me no end.
पर Thermodynmics का दूसरा नियम तो कहता है कि entropy हमेशा बढ़ती है यानि कि हम हमेशा चलते हैं chaos कि तरफ :-)

Wanderer ने कहा…

Nice to hear of your hindi blogging exp. Do put up pointers on the blogcamp wiki!