शुक्रवार, जुलाई 21, 2006

शुरुआत, एक प्रयास की।

मुझे ऐसा लगा कि अपनी मातृभाषा में अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की क्षमता को परखना चाहिए। इसलिए यह छोटा सा प्रयास।
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3 टिप्‍पणियां:

Jitendra Chaudhary ने कहा…

हर बड़ी चीज की शुरुवात छोटी ही होती है। बड़े बड़े झरनों के उदगम स्थल को देखा है कभी? एक छोटी से धारा ही तो होती है, लेकिन आगे चलकर यही धारा एक बहुत बड़े जलप्रपात का रूप लेती है। इसलिए हमारी शुभकामना है कि ये बूंदे एक बड़े जलप्रपात में बदले। इन्ही शुभकामनाओं के साथ।

Pratik Pandey ने कहा…

हिन्दी ब्लॉग जगत् में आपका हार्दिक स्वागत् है। आशा है आप यहाँ निरन्तर हिन्दी में लिखते रहेंगे।

अनुनाद सिंह ने कहा…

आप एक अलग तरह का हेी विषय चुनते है| अच्छा है कि इससे हिन्देी ब्लागजगत मे विविधता आ रहेी है और विविध तरह के विचारो से लोग रूबरूू हो रहे है|